Amrita Singh Biography in hindi !
Amrita Singh Biography in hindi : अमृता सिंह एक भारतीय फिल्म अभिनेत्री हैं, जिन्होंने हिंदी फिल्मों में अपने अभिनय के लिए पहचान बनाई।
उन्होंने 1983 में फिल्म बेताब से अपने करियर की शुरुआत की। 1980 और 1990 के दशक की शुरुआत में, उन्होंने एक जानी-मानी और प्रिय अभिनेत्री के रूप में ख्याति अर्जित की।
उनके उत्कृष्ट कार्यों को प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है, जिनमें इंडियन टेली अवार्ड और फिल्मफेयर अवार्ड शामिल हैं।
अमृता सिंह का प्रारंभिक जीवन :
अमृता सिंह का जन्म 9 फरवरी 1958 को रुखसाना सुल्ताना और सेना के प्रमुख कमांडर शिविंदर सिंह विर्क के परिवार में हुआ था।
1970 के दशक में भारत में आपातकाल के दौरान, उनकी मां रुखसाना सुल्ताना संजय गांधी की राजनीतिक गतिविधियों में सक्रिय रूप से शामिल थीं और दिल्ली के पुराने इलाकों में परिवार नियोजन आंदोलन की प्रमुख थीं।
अमृता सिंह मशहूर वास्तुकार शोभा सिंह की परपोती हैं, जिन्होंने नई दिल्ली के निर्माण में योगदान दिया। वह प्रसिद्ध राजनेता उज्जल सिंह की परनातिन और प्रसिद्ध लेखक खुशवंत सिंह की पोती भी हैं।
उनके परिवार में उनकी पर-चाची बेगम पारा भी हैं, जो एक मशहूर अभिनेत्री थीं और दिवंगत दिलीप कुमार के भाई नासिर खान की पत्नी थीं। इसके अलावा, वह अभिनेता अयूब खान की चाची भी हैं।
अमृता सिंह और शाहरुख खान बचपन के करीबी दोस्त थे। उनकी माताएं कई परियोजनाओं में भागीदार थीं और दोनों एक ही स्कूल में सहपाठी भी थे।
अमृता सिंह ने अपनी स्कूली शिक्षा नई दिल्ली के मॉडर्न स्कूल से की, जहां उन्होंने हिंदी, पंजाबी और अंग्रेजी में महारत हासिल की।
अमृता सिंह का फिल्मी करियर :
1983 में, अमृता सिंह ने रोमांटिक ड्रामा बेताब से अपने फिल्मी करियर की शुरुआत की, जो बड़ी हिट साबित हुई। इसके बाद, उन्होंने 1983 से 1993 के बीच कई सफल फिल्मों में काम किया।
सनी (1984), मर्द (1985), साहब (1985), चमेली की शादी (1986), और नाम (1986) जैसी फिल्मों में उनके अभिनय को सराहा गया।
1987 में खुदगर्ज और 1988 में वारिस में उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन ने उनके करियर को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया।
1990 के दशक में, उन्होंने राजू बन गया जेंटलमैन (1992), सूर्यवंशी (1992), और आईना (1993) जैसी फिल्मों में सहायक और नकारात्मक भूमिकाएं निभाईं।
आईना में उनके प्रदर्शन के लिए उन्हें फिल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
1993 में रंग में एक छोटी भूमिका के बाद, अमृता सिंह ने अपने परिवार पर ध्यान केंद्रित करने के लिए अभिनय से ब्रेक ले लिया।
अमृता सिंह की वापसी और सफलता :
2002 में, अमृता सिंह ने 23 मार्च 1931: शहीद में भगत सिंह की मां की भूमिका निभाकर फिल्म उद्योग में वापसी की।
इसके बाद, उन्होंने 2005 में टीवी धारावाहिक काव्यांजलि में नकारात्मक भूमिका निभाई, जिसके लिए उन्हें इंडियन टेली अवार्ड मिला।
उन्होंने 2005 में कलयुग में अपनी नकारात्मक भूमिका के लिए आलोचकों की प्रशंसा प्राप्त की और फिल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ नकारात्मक भूमिका के लिए नामांकन भी हासिल किया।
2007 में, उन्होंने शूटआउट एट लोखंडवाला में विवेक ओबेरॉय की मां रत्नप्रभा डोला की भूमिका निभाई।
अमृता सिंह ने 2 स्टेट्स (2014), हिंदी मीडियम (2017), और बदला (2019) जैसी फिल्मों में अपनी अदाकारी से दर्शकों को प्रभावित करना जारी रखा।
बदला में अमिताभ बच्चन के साथ उनकी केमिस्ट्री को खूब सराहा गया और इस फिल्म के लिए उन्हें फिल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री के लिए नामांकित किया गया।
अमृता सिंह का व्यक्तिगत जीवन :
अमृता सिंह ने जनवरी 1991 में प्रसिद्ध अभिनेता सैफ अली खान से शादी की। सिख परिवार में पली-बढ़ी अमृता ने शादी से पहले इस्लाम धर्म अपना लिया और उनका निकाह इस्लामी रीति-रिवाजों से हुआ।
13 वर्षों तक शादीशुदा रहने के बाद, 2004 में उनका तलाक हो गया। उनके दो बच्चे हैं: सारा अली खान (12 अगस्त 1995) और इब्राहिम अली खान (5 मार्च 2001)।
सारा अली खान ने कोलंबिया यूनिवर्सिटी से स्नातक की उपाधि प्राप्त की, जबकि इब्राहिम इंग्लैंड में पढ़ाई कर रहे हैं।
अमृता सिंह की प्रशंसा और विरासत :
अमृता सिंह को 1980 के दशक की प्रमुख अभिनेत्री के रूप में जाना जाता है। बेताब में उनकी पहली भूमिका ने उन्हें दर्शकों के दिलों में जगह दी।
उनके विविध अभिनय को लेकर आलोचक भी उनकी सराहना करते हैं।
रेडिफ की सुकन्या वर्मा ने उनके अभिनय को “गहन प्रदर्शन” करार दिया, जबकि इंडियन एक्सप्रेस की लक्ष्णा पलट ने उनकी बहुमुखी प्रतिभा की तारीफ की।
पीटीसी पंजाबी की रितिका नाथ के अनुसार, अमृता सिंह ने 1983 से 1993 के दशक तक फिल्म उद्योग में अपना दबदबा बनाए रखा और अपने समय की “रानी” मानी जाती हैं।