Home Loan | होम लोन की क़िस्त न चुकाने पर क्या हो सकता है | होम लोन
Home Loan : हर किसी का सपना होता है की खुद का खर हो , पर लाखो , करोडो रुपये हम इखट्टा जुटा नहीं पाते तब हम लोन लेने के बारे में सोचते है। बैंक आपको होम लोन के लिए आपके खर के व्ह्यालु के नुसार लोन देती है जो 80% से 90% हो सकता है , जो आपके सिबिल और इनकम के आधार पर दिया ज्याता है। होम लोन के लिए बैंक आपसे प्रॉपर्टी और आपके इनकम के सभी दस्तावेज जमा कर लेती है। इसके इलावा बैंक गारेंटर की भी मांग कर सकती है , इस आर्टिकल में हम सविस्तर जानकारी लेंगे , अगर आपने बैंक से लोन लिया और आप बैंक का कर्जा नहीं दे पा रहे तो क्या किया जाये।
बैंक से लोन लेने के लिए क्या करे :
बैंक से लोन प्राप्त करने के लिए सबसे पहले आपको NA 44 अप्रूव प्रॉपर्टी देखनी है , या रेडी पजेशन प्रॉपर्टी देखकर उस प्रॉपर्टी सभी दस्तावेज जमा करके बैंक के अधिकारी के पास जमा करनी है , बैंक अधिकारी प्रॉपर्टी के दस्तावेज को ध्यान से देखकर उस प्रॉपर्टी पर लोन मिल सकता है , या नहीं ये आपको बताएंगे , उसके बाद आपसे आपके इनकम और Kyc दस्तावेज जमा करने को कहेगा।
बैंक में लोन लेने से पहले आप किस बैंक से लोन लेना चाहते है पहले देखे। ज्यादा से ज्यादा प्रयास करे की सरकारी बैंक से ही लोन मिले , इसके बेहद फायदे होते है , सरकारी बैंक का ब्याज काम होता है , लोन फी काम होती है , और कुछ हेल्थ या डेथ का प्रॉब्लम होता है , तो बैंक से लोन माफ़ी करने के लिए आसान ज्याता है।
अगर आपका लोन सरकारी बैंक में नहीं होता है , तो आपक प्राईव्हेट बैंक में लोन के लिए प्रयास करे। सरकारी बैंक से प्राईव्हेट बैंक का ब्याज ज्यादा होता है जो 12% से लेकर 16% तक होता है , और सरकारी बैंक का ब्याज 6.75% से 9.5% तक होता है। प्राईव्हेट बैंक आपको ज्यादा फंडिंग करती है , पर ब्याज ज्यादा लेती है। अगर प्राईव्हेट बैंक भी लोन ना दे तो क्या करे ? फिर आपके पास आखरी और सबसे महंगा रास्ता बचता है , वो है फाइनेंस से लोन लेने का।
Finance से लोन बेहद ही आसानी से मिलता है , आपके दस्तावेज में भी बैंक कॉम्प्रमाइज कर सकती है , फाइनेंस आपको सबसे ज्यादा फंडिंग करती पर Finance का ब्याज सबसे ज्यादा होता है। फाइनेंस का ब्याज 13% से लेकर 21% तक होता है , जो आपके जेब को बड़ा झटका देता है। फाइनेंस NA 45 प्रॉपर्टी को भी लोन देता है , जिसके लिए बेहद ज्यादा ब्याज फाइनेंस बैंक लेती है।
कोई भी प्रक्रिया आप खुद ही करे अगर आप एजेंट को साथ लेकर लोन लेते है तो , आपको उसका कमीशन देना पड़ता है। इसीलिए आप डायरेक्ट बैंक या फाइनेंस के ऑफिस में जाकर उनके अधिकारी से ही लोन ले , जो आपको सही तरीके से और बिना कमीशन के लोन देता है।
बैंक से लोन लेने के लिए दस्तावेज :
प्रॉपर्टी के दस्तावेज
लिस्ट ऑफ़ डॉक्यूमेंट
प्रॉपर्टी NOC
प्रॉपर्टी व्यालुवेशन
प्रॉपर्टी सर्च रिपोर्ट
प्रॉपर्टी 7/12
8 अ उतारा
CIDCO / नगरपालिका / ग्रामपंचायत शांगशन प्लान
आधार कार्ड
पैन कार्ड
सैलरी सली / IT रीटर्न
शॉप एक्ट / उद्यम आधार
बैंक स्टेटमेंट
बैंक चेक
बैंक पासबुक
और बैंक के अनुसार दस्तावेज जमा करे
बैंक लोन शांगशन करने के बाद क्या करे :
अगर आपको बैंक लोन शांगशन करती है तो आपको बैंक के साथ एक अग्रीमेंट करना होता है , उसके बाद आपको प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री करनी होती है , पर आप पहले अग्रीमेंट टू सेल करना पड़ता है। जो एक रजिस्टर अग्रीमेंट होता है , रजिस्टार आपसे अग्रीमेंट टू सेल के टाइम ही सभी टैक्स और चालान भर लेता है। बाद में आपके सिर्फ रजिस्ट्री फीस देकर रजिस्ट्री करनी होती है। रजिस्ट्री होने के बाद आपको रजिस्ट्री बैंक में जमा करनी पड़ती है। उसके बाद बैंक पूरा पेमेंट देती है। कुछ बैंक अग्रीमेंट टू सेल के टाइम 50% और रजिस्ट्री के बाद 50% पेमेंट देती है। तो कुछ बैंक अग्रीमेंट टू सेल के आधार पर ही पूरा पेमेंट देती है।
बैंक की क़िस्त न चुकाने पर क्या होता है :
आपने किसी सरकारी बैंक , प्राईव्हेट बैंक या फाइनेंस से लोन किया है , और किसी कारन आप उस लोन को चूका नहीं पा रहे। तो आपको बैंक पैसे भरने के लिए फोर्स करेगी एक से तीन क़िस्त तक बैंक पैसे भरने के लिए आपको कहेंगी , उसके बाद बैंक लीगल प्रोसेस करनी शुरू कर देती है। सरकारी बैंक आपको थोड़ा टाइम देती है , पर प्राईव्हेट बैंक और फाइनेंस आपको ज्यादा तकलीफ देती है।
सब कुछ करने के बाद भी आपके पास पैसे नहीं आते है , तो आपको बैंक नोटिस देगी , ना भरी क़िस्त और उसपे लगा ब्याज का जिक्र नोटिस में किया जाता है। नोटिस आने के बाद घबराने की कोई जरुरत नहीं है , एक नोटिस या ४ से ६ क़िस्त में बैंक आपके घर को या आपको कुछ भी नहीं कर सकती। उसके बाद भी आपके क़िस्त बोउन्स होती ज्याति है , तो आपकी केस ब्याड होती है , १२ से १८ क़िस्त बाउंस होने के बाद बैंक आपसे सेटलमेंट के लिए राजी होती है।
बैंक को पता चल ज्याता है की ये इंसान सही में कर्ज चूका नहीं पा रहा है , फिर बैंक आपसे सेटलमेंट की बात करती है , बैंक आपसे सभी ब्याज और चार्ज माफ़ करके मुद्दल अमाउन्ट की मांग करती है। अगर आप उसे भी नहीं दे पाते तो लास्ट में बैंक आपसे मुद्दल में १०% से २०% अमाउन्ट काम करने को राजी होती है। बैंक आपसे ज्यादा से ज्यादा कॉम्प्रमाइज तब करेंगी जॉब आपकी हेल्थ ख़राब हो या आपके शरीर के साथ कोई नैसर्गिक अप्पत्ति हुई हो। ऐसे मामले में आपको बैंक में आपके हेल्थ सेर्टिफिकेट जमा करवाके लोन में फायदा मिल सकता है।
बैंक आपके साथ आछ्या व्हेवहार करती है और आप बैंक की कोई भी इज्जत नहीं रखते ऐसी केस में बैंक आपसे ज्यादा स्ट्रिक्ट वेव्हार करती है। बैंक साथ कॉम्प्रमाइज और आपकी सभी शर्ते मानती है , और फिर भी आप पैसे भर नहीं सकते या भरना नहीं चाहते , ऐसी केस में बैंक फिर आपके घर पर कब्ज़ा लेती है। कब्ज़ा लेने के बाद बैंक आपसे कोई भी चार्ज या ब्याज काम नहीं लेती है। फिर आपको बैंक के चार्जेस लगाकर ही पैसे भरने पड़ते है , अगर आप ये पैसे नहीं भरते तो फिर बैंक आपका घर भेच देने की प्रक्रिया करती है।
Npa के मामले में प्राईव्हेट बैंक और फाइनेंस ज्यादा कढोर बर्ताव करते है , आपको बेहद टॉर्चर किया ज्याता है। फिर भी सभी बैंक आपके साथ सेटेलमेंट करने के लिए तैयार होती है। बस आप इन लोगो को कैसे फेस करते है , ये आप पर निर्भर है , केस कोर्ट ज्याती है , आपको कोर्ट से भी सेटलमेंट की राय दी ज्याती है। `
Home Loan FAQs :
आमतौर से होम लोन प्रोवाइडर 20-30 के दशक में लोन लेने वालों के लिए अधिकतम 30 साल का अवधि देते हैं. लेकिन 40 वर्ष की रिटायरमेंट उम्र को ध्यान में रखते हुए, 60 के दशक वाले कम अवधि के पात्र हो सकते हैं.
होम लोन लेने के लिए क्या-क्या जरूरत पड़ती है ?