Mobile Radiation : लोगो की सेहत हो रही है दिन ब दिन ख़राब , कारन है सिर्फ मोबाईल का रेडिएशन आइये जानते है सविस्तार .
आजकल लोगो के जीवन का हिस्सा बन चूका है मोबाइल फ़ोन , बड़ो से लेकर बच्चो तक हर किसीको मोबाईल का व्यसन लग चूका है। आज कल बच्चो को खाना खिलने को भीं लोग बच्चो के सामने मोबाइल रखते है। चलो ये तो बच्चो की बात हुई बड़े भी खाना खाते वक्त मोबाइल का यूज़ करते है। २ जीबी डाटा ख़तम करने के चक्कर में हमें मोबाइल की बुरी आदत लग चुकी है , सुबह उठने से लेकर रात को सोने तक हम सभी मोबाइल का यूज़ करते है। मोबाइल भले ही हमारे जीवन का एक महत्त्व पूर्ण हिस्सा है पर ओ सिर्फ सही इस्तिमाल करने पर ,नहीं तो इसके साइड इफ़ेक्ट हमारे शरीर को बेहद ही खतरनाक बन जाते है।
मोबाइल पर घंटो तक बात करना आज कल आम बात है , ऑफिस के काम हो या आम बाते हर कोई घंटो तक मोबाईल पर बात करता है , पर घंटो तक बात करने से मोबाइल का रेडिएशन आपके शरीर पर बुरा प्रभाव दिन ब दिन डालते जा रहा है। मोबाइल में भी दो तरह के रेडिएशन होते है एक मोबाइल से निकलने वाला रेडिएशन और दूसरा टावर से निकलने वाला रेडिएशन ये दोनों भी ज्यादा उपयोग करने पर हमारे लिए खतरा बन जाते है। इस रेडिएशन का काम होता है एक डिव्हाईस को दूसरे डिव्हाईस से कनेक्ट करना , आपको मोबाइल रेडिएशन आसानी से पता चल सकता है पर टॉवर का नहीं। आजकल हमारे अगल बगल टॉवर की संख्या बेहद बढ़ चुकी है , हर टेलिकॉम कंपनी आछा नेटवर्क प्रोवाइड करने के लिए टॉवर की रेडिएशन फ्रिकवेंसी बढ़ा देती है , इसका प्रभाव सिर्फ मानव जाती पर ही नहीं पशु पक्षी यो पर भी तेजी से हो रहा है।
हमारे मोबाइल से जो इलेक्ट्रोमॅग्नेटीक रेडिएशन निकलती है जो हमारे शरीर को बेहद ही हानिकारक है। अगर आप अपनी मोबाईल का रेडिएशन देखना चाहते है कितना है तो आपके मोबाइल के डायलपैड पर *#०७ # डालकर देख सकते है। जिसमे आपको बॉडी और हेड का सार व्ह्यालु दिखेगा जो कम होना चाहिए। जितना कम होगा उतना अच्छा है, इस सार की एक मर्यादा होती है जो इंडिया में १.६ w /kg है। आपको सैमसंग के फ़ोन में सार व्ह्यालु कम देखने को मिलेगा। इससे बचने के लिए मोबाइल का उपयोग सिर्फ महत्वपूर्ण काम के लिए ही करना।
मोबाइल के रेडिएशन से होने वाली तकलीफे : थर्मल रेडिएशन शरीर की गर्मी को बढ़ाता है , जिससे दिल और दिमाग की नसों की गति बढ़ती है। बोहत ही ज्यासा सर दर्द होना ,गर्भ में पल रहे बच्चे के ग्रोइंग टिशू को नुकसान होना , डिप्रेशन , नींद न आना , चीड़ – चीड़ करना , कैंसर का खतरा , सेक्स प्रॉब्लम बढ़ना , सेक्स स्टैमिना कम होना , कान पर ज्यादा वक्त फोन लगाने से बेहरा पन आना , कान के पडदे का प्रॉब्लम , कम सुनाई देना। ऐसे बेहद सारे प्रॉब्लम हमारे शरीर को मोबाइल और टावर की वजह से झेलनी पड़ती है।
इस रेडिएशन से बचने के लिए आपको मोबाईल का उपयोग कम करना चाहिए ,और फ़ोन पर बात करने के लिए आप अपना मोबाइल स्पीकर पर डालकर बात कर सकते है। सोते वक्त मोबाइल को नजदीक ना रखे , जिससे खतरा कम होता है। मोबाइल को नवजात बच्चो और प्रेग्नेंट महिला ओ से दूर ही रखना , हानिकारक इलेक्ट्रोमॅग्नेटीक रेडिएशन की वजह से नवजात बच्चो बेहद सारी तकलीफो का सामना करना पड सकता है। अगर आप के नजदीक मोबाइल टावर है ते बता दे टावर के ३०० मीटर तक ये रेडिएशन बेहद ही हेवी होती हैं , टावर के १ मीटर के अंदर ये तरंगे १०० गुना होती है। टावर पर जितने एंटीना होते है उतनी ही ज्यादा रेडिएशन बढ़ जाति है। अगर आपका घर टावर के नजदीक है तो आप कंपनी से फ्रिक्वेन्सी पावर काम करने को बोल सकते है। आपके घर के दरवाजा और खिड़किया बे मतलब खुली मत रखना ,जितना हो सके उतना टावर से दूर रहे। कंपनी एम्प्लॉय को टावर की पावर चेक करने को बोले ज्यादा है तो काम करने को भी आप बो सकते है।